छँद-त्रौटक/ "दैथा रिड़मलदान

-"दोहा"-
करनल कैहर तन कियो;
हरखित नृप हिंदवॉण !
रखी लाज रविसुत तणी;
वधि वधि करूँ वखॉण!! !!१!!

सौरठा-

ऊभी करनल आय ;
याद करयौं तारण यळा!
राखी जँगळ राय ;
बाजी नृप बिकॉण री!!१

छँद-त्रौटक

इक भूप तुरक्क अधम्म हुओ !
मरजाद हणै धर्महीण मुओ !!
इम सोच शगत्तिय ईसवरी !
अवतार लियो नर देह धरी !!१!!

गढ़ नाम सुआप मेहाय घरॉ !
रिद राजल नाम परा अपरॉ !!
रिद नाम करन्नल फैर धरयौ !
कह तैण ई कैहर रूप करयौ !!२!!

सत चवदह सौ ने चमाळीस में !
शुभ सुक्कर वार उजाळीस में !!
सुद सातम मास आसौज मधी !
प्रगटी रिद देवळ कूँख निधी !!३!!

इक वार करन्नल राह उठै !
धर वग्ग तुरँग वहँत तठै !!
मझ मारग कठियावाड़ मुणा !
शगती हती जावती साच पुणॉ !!४!!

घर आवति घौड़ॉह साथ पढ़ॉ !
प्रथवी सिंह आवतो तॉह पढ़ॉ !!
न्रप तॉ नह नामियौ शीश जकॉ !
रिद कारण पूछियौ तॉह तिका !!५!!

परचौ तिण ने भरपूर दियौ !
न्रप आपई आणण नाम दियौ !!
रिझ वैण उचारियॉ रिद्ध उठै !
करजै अबखी मझ याद कठै !!६!!

दिन जावतॉ जेज करै न दखॉ !
सुज सँकट भूप बिकॉण सखॉ !!
इक वार प्रथ्थविय सिंघ तणी !
अरदॉगण पीर गई रमणी !!७!!

तिँण री इक बैन तुरक्क घरॉ !
परणायत सो हतणॉह पुरॉ !!
प्रथवी सिंघ साळिय सोय पुणॉ !
सुज आयगि सोय ई पीर भणॉ !!८!!

तँह दोनूँ बहिन्न दुलार धरयौ !
वद तेण मॉ ऐक तुरक्क वरयौ !!
इक साथ इ भौजन आज थयौ  !
करसॉ इम नार तुरक्क कह्यौ !!९!!

मिस झूलण नार बिकॉण बचै !
जद नार तुरक्क न सौय जचै !!
तज धीरज नार तुरक्क कह्यौ !
सुण लागिय भूख न जाय सह्यौ !!१०!!

तद सेवट वात रिदाह तणी !
कह दीधिय नार बिकॉण तणी !!
मुज बेन तूँ प्यारीय शीश मणी !
पण भूप तुरक्क घरॉ परणी !!११!!

किम भौजन ताहरै साथ करूँ !
मुज वंश पे दाग लगाय मरूँ !!
तद आग तुरक्क री नार उरॉ !
जद लागिय झाळ मझाळ नरॉ !!१२!!

तुरकॉणिय साळी बिकॉण तणी !
इम कौध्रळ वैण कह्या उफणी !!
तुरकॉणिय खेल तूँ देख मुणॉ !
तुज लेऊँ तुरक्क री नार वणॉ !!१३!

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