सतगुरु का बन्दा

🌹सदगुरू का बंदा ब्रह्मानंदा🌹
              🌸दोहा🌸
देख्या सब दुनियांण मैं,
खट दर्शन कुं खोज|
वरणाश्रम व्यवहार के,
सब डोलत ले बोझ||१
पंडित सन्यासी प्रसिध,
जोगी जंगम जांण|
सेख ,भगत अरू सेवडा,
सब में खेंचातान||२
🌸छंद त्रिभंगी🌸
भट वेद पठंदा,संध्या वंदा,कर्मन फंदा,उर्झंदा|
ओंकार जपंदा,मौन रहंदा,अंतर मंदा,मुर्झंदा|
पुनि कथा कहंदा,लोग ठगंदा,विकल फिरंदा,वर्तंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा|| १
सन्यास सहूता,खिन न थरूता,फिरत वगूता,जगखूता|
माया के पूता,नगन रहूता,धरत भभूता,धनधूता|
भैरव अरु भूता,जपत संजूता,रंडीरूता,नतरंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||२
जग क्हावतजोगी,सब विध भोगी,अंतर रोगी,अघ ओघी|
मद मांस भखोगी,भूत जपोगी,लज्जा खोगी,कामोघी|
तन कान फटोगी,बेशुध होगी, फिरता पूंगी,फूंकंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||३
अरु जंगम क्हावै,लिंग लटकावै,घंट बजावै,शिव गावै|
पुनि भीख मंगावै,पैसा पावै,त्रपत न आवै,तन तावै|
फिर स्वान भसावै,लोक हँसावे,भेख लजावै,भरमंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||४
फकिरा अरु फरता,कलमा करता,अंतर जरता ,नँह ठरता|
जीवन कुं मरता,शंक न धरता,जूहर करता, नहि डरता|
बोलत बडबडता,कंठ हुंकरता, पछिम धरंता,घूमंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||५

आखत अरिहंता,जंता जंता,करम कथंता,भरमंता|
विषयां वरतंता,कंचन कांता,अंतर शांता ,नहि अंता|
अरु करम करंता,नहि डरपंता,नहि भगवंता उचरंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||६
क्हावत वैरागी,लूब्धा लागी,अंतर आगी ,त्रियरागी|
ज्वाला विष जागी,माया पागी,अकल बिकागी,निरभागी|
बांधत घर बागी,लज्जा त्यागी,धन अरु ढोंगी,धारंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||७
भगती के भगला,बातन फगला,अंतर दगला,विष ढगला|
देखत टगटगला,डोलत नगला,थिर थव पगला,जग ठगला|
बाहर गति बगला,अंतर कगला,वाका संगला छोडंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||८

गल धारत माला,अंतर काला,विषय बिहाला,चित चाला|
मजबूत मसाला,तृप्त रसाला,ठाकुर थाला,पंडपाला|
मन क्रोध कराला,जरत जंजाला,अंतर टाला,मुर्झंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||९
वैरागां झंडी,देखत भंडी,आतम खंडी,कर्मकँडी|
उर जडता उंडी,ममता मंडी,टीला टूंडी,पाखंडी|
राखत घर रंडी,सब विध छंडी,पाथर पींडी पूजंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||१०
न्हावत जल नीका,धारत टीका,गल कंठीका, तुलसी का|
अरु मीठा जियका,कपटी हिय का,नाहिन ठीका ,मुर धीका|
बाना हरजी का,बिकल बिल्लीका,किंकर त्रिय का,विष कंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||११
भेखन के धारी,सब में ख्वारी,अंतर भारी, अहँकारी|
बोलत मुख गारी,राखत नारी,माया यारी ,व्यापारी|
जब मंगलकारी,गुरु मिल्यारी,भ्रमणा टारी,जगफंदा|
सदगुरु का बंदा,ब्रह्मानंदा,साँच कहंदा, सब हंदा||१२
🌹छप्पय 🌹

गुरु पुरन अद्वैत,मिले जब भर्म मिटाया|
गुणातीत दे ग्यान, असत अग्यान नसाया|
करुणा सिंधु कृपाल,हाथ जब सिर धर दीन्हौ|
काल व्याल विकराल,ताहि से निर्भय कीन्हौ|
संसार विघन सब मेट के,
पार किया भव फंद से|
कहै ब्रह्ममुनि ममता टरी,
सदगुरु सहजानंद से||

सद्गुरू ब्रह्मानंद स्वामी विरचित

सदगुरू का बंदा ब्रह्मानंदा http://www.charans.org/sadguru-ka-banda-brahmanada/

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