जगमाल ज्वाला कृत
सांपो रा टोळा घणा
सपोळा काळा धोळा पास फरे।
धधकार धकोळा जहर झकोळा
ओळा दोळा राज करे।
धरणी धमरोळा कन्न
खजोळा बिच्छु टोळा देख बणे।
देय गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।1
त्रिशूलों तणणण बाजेय
बणणण गणणण गगने नाद गजे।
धुंघर पद घणणण ठणके
ठणणण भणणण भेरीय बाज बजे।
कंदोरा कणणण झणणण
खणणण बणणण बणणण नाद बणे।
देय गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
घण भांग धतूरा पी
भरपुरा घोरम घूरा नाच नचे।
अलमस्त अधीरा धारे
न धीरा गजब गंभीरा देव जचे।
सुरो में सूरा क्रोध
क्ररुरा पूरा पूरा देत हणे।
घण गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
करती नद कळळळ गंगा
गळळळ ढळती ढळळळ गाज करे।
पळके जळ पळळळ हीर
ज्यो हळळळ घळळळ वहती घोघ झरे।
खळके सिर खळळळ भोळो
य भळळळ पळळळ शशिधर तेज पणे।
घण गंग झकोळा हरदम
ख़ोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
नहचे अधनंगा शिखर
उतंगा आसन चंगा अवतारी।
पीयत घण पंगा गिरजा
गंगा भुत भडंगा भयहारी।
लगताय लफंगा जट सिर
जंगा प्रेत पिचंगा रुप बणे।
घण गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
गळहार भुजंगम भभूतिय
अंगम शोभित नंगम शुभकारी।
चक्षु शिव संगम विकट
विहंगम जाणत जंगम जटधारी।
भभके मुख भंगम चढ़ी
तरंगम अंगम अंगम तेज तणे।
घण गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
हँस हँस विष हड़ड़ड़ गटकत गड़ड़ड़ अमी ज्यो अड़ड़ड़ आप अपे
खेंचत जद खड़ड़ड़ धरणी
धड़ड़ड़ कड़ड़ड़ पीठ कमठ कपे।
सोषे जळ चड़ड़ड़ दरीयो
दड़ड़ड़ मड़ड़ड़ महीपत रोष मणे।
घण गंग झकोळा हरदम
खोळा भोळा भोळा नाम भणे।।
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