कृत आशुतोष खिड़िया
।। शिव वंदना।।
दोहा
जय शंकर गणनाथ, नाथ त्रिभुवन स्वामी
रहत सहाय हमेस,हरत अघ खलकामी।।
।। छंद त्रिभंगी।।
रहत कैलासा, अद्भुत वासा, एकांत निवासा अणप्यारा,
होवत हुल्लासा, तुरत प्रकासा, हटत निराशा हर बारा,
पूरण जिज्ञासा,मन की आसा, तांडव नृत्यं सुकरणम्,
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।1।।
डमरू डमडमडम, घुघर घमघम झालर झमझम,तुरत बजे,
शंकर सुसजनं, मृगमद बजनं,भावत भजनं नान्दी सजे,
पद पंकज रजनम्, ध्यावत सज्जनम्, पावन पूजन श्री चरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।2।।
जोगी अणपारा, ध्यानी धारा, पार न पारम् आवाजा,
तरणी हर तारा, हर दुःख हारा,फरसा धारम् नटराजा,
चारण गण सारा, दास तिहारा,होत निहाला,भय हरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।3।।
मुण्डन गलमालम्,भुज विशालम्,आकँ की मालं गळ सजनं,
अद्भुत छालं, मृग की खालम् ,भस्म निराली तन रजनं,
सुन्दर पद तालं,रहत त्रिकालं,गंग पियारी सर धरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।4।।
उमया नित संगा,शीश पे गंगा,गले भुजंगा,
किरपाळा,
होवत उमंगा,बजत मृदंगा,भुत भभंगा,विकराळा,
रहवत निज रंगा,खावत भंगा,भक्तजनन तव सुख करणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।5।।
विपत विडारी,सब सुखकारी,होवत भारी,त्रिपुरारी, गिरजा अति प्यारी, पूजत नर नारी,जाँउ वारी,बलिहारी,
विश्व विहारी,दृढ ब्रम्हचारी,रहुँ कैलासी नित चरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।6।।
चन्दन सु भालम्,सिर केश निरालं,दानव दालम्, अघहारा,
तरणी हर तारम्,काल कृपालम्, नैन विशालम्,भयहारा,
कर शूल धारम्, विरद विशालम्, दास निहालम्, भवतरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।7।।
जोगण पत ध्यानी,गावे ग्यानी,भेंट सुहानी बिलपतरम्,
अद्भुत दानी,चिमटी वानीं, कुबेर कहानी सम्पूरम्
बेहद नादानी,आतुर बानीं , "आशुतोष " तव गुण वरणम्
जय महाकालम् आप कृपालम् दीनदयालम् तव शरणम्।।8।।
।। छप्पय।।
नमामि भोलेनाथ, देव महादेव निराळा,
नमामि भोलेनाथ, करत संतन प्रतिपाळा,
नमामि भोलेनाथ, अद्भुत कर रूप निहारी,
नमामि भोलेनाथ, वारी वारी जाउँ बलिहारी।।
दोय कर जोड़ "आसु"कहे,सुणो विनय मम तात
नन्दी बेगो हांकजो, तुरत सुणत आवाज।।
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